Sep 23, 2024

छात्र गांठ बांध लें रामधारी सिंह दिनकर के ये 5 कोट्स, मिलेगी सफलता

Aditya Singh

राष्ट्रीय चेतना के कवि

राष्ट्रीय चेतना के कवि रामधारी सिंह दिनकर की आज जयंती है। वह हिंदी के प्रमुख लेखक और निबंधकार थे।

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छात्र अमल में लाएं ये बात

उनकी रचनाएं, कविताएं और कोट्स आज भी छात्रों को ऊर्जा देने का काम करती हैं।

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रामधारी सिंह दिनकर के 5 कोट्स

ऐसे में यहां हम रामधारी सिंह दिनकर के 5 कोट्स लेकर आए हैं। छात्र इसे अपने जीवन में अपना कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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सरलता सबसे बड़ी समस्या

विद्वानों और लेखकों के सामने सरलता सबसे बड़ी समस्या होती है।

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पत्थर सी हों मांसपेशियां

पत्थर सी हों मांसपेशियां, लौहदंड भुजबल अभय, नस नस में लहर आग की तभी जवानी पाती जय।

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स्वार्थ में विलीन

जैसे सभी नदियां समुद्र में मिलती हैं, उसी प्रकार सभी गुण अंतत: स्वार्थ में विलीन हो जाते हैं।

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स्वार्थ हर तरह की भाषा बोलता है

स्वार्थ हर तरह की भाषा बोलता है, हर तरह की भूमिका अदा करता है, यहां तक कि नि:स्वार्थता की भाषा भी नहीं छोड़ता।

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अभिनंदन लेने से मना करना

अभिनंदन लेने से मना करना, उसे दोबारा मांगने की तैयारी है।

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सौंदर्य के तूफान में

सौंदर्य के तूफान में वृद्धि को राह नहीं मिलती। वह खो जाती है, भटक जाती है। यह पुरुष की चिरंतन वेदना है।

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