राणा सांगा की मृत्यु कैसे हुई, सच जानकर खौल जाएगा खून

राणा सांगा की मृत्यु कैसे हुई, सच जानकर खौल जाएगा खून

Kuldeep Raghav

Apr 11, 2025

राणा सांगा की जयंती

​राणा सांगा की जयंती ​

महापराक्रमी योद्धा, अप्रतिम साहस और शौर्य की प्रतिमूर्ति, धर्म और राष्ट रक्षा के लिए बलिदान हो जाने वाले महान योद्धा राणा सांगा की 12 अप्रैल को जयंती है।

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वीरता के चर्चे

​वीरता के चर्चे​

1509 में चित्तौड़ की गद्दी संभालने के साथ ही उन्होंने विदेशी आक्रमणकारियों का वीरता से सामना किया।

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सौ से अधिक युद्ध लड़े और जीते

​सौ से अधिक युद्ध लड़े और जीते​

उन्होंने अपने जीवनकाल में सौ से अधिक युद्ध लडे और जीते। उन्होंने दिल्ली, मालवा और गुजरात के सुल्तानों को पराजित किया।

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​इब्राहिम लोदी को हराया ​

सिकंदर लोदी के उत्तराधिकारी इब्राहिम लोदी ने 1517 में मेवाड़ पर जब धावा बोला तो कोटा के खतोली में युद्ध के बाद महाराणा सांगा ने विजयश्री हासिल की।

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​बाबर को दी मात ​

जब बाबर ने आक्रमण किया तो उसे भी मुंह की खानी पडी। बाबर ने उन्हें हराने के लिए षडयंत्र रचे।

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​मरवाने की साजिश ​

जब 80 घाव लगने के बाद, एक आंख, एक पैर और एक हाथ गंवाने के बाद भी राणा सांगा जी ने हार नहीं मानी तो उन्हें मरवाने की साजिश रची गई ।

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​1528 में निधन ​

जानकारी के अनुसार 30 जनवरी 1528 को राणा सांगा की मृत्यु में हुई।

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​जहर दिलवाया गया ​

महाराणा सांगा को जहर देकर मारा गया था। उस समय उनकी उम्र 46 वर्ष थी।

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​महान विजेता थे राणा सांगा​

ऐसे महान विजेता, “हिन्दूपति” के नाम से विख्यात राणा सांगा हजारों वर्षों में एक बार जन्म लेते हैं।

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