Oct 21, 2023
दशहरा के अवसर पर रावण दहन किया जाता है और असत्य पर सत्य की विजय के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है।
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दशहरा को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम ने रावण का संहार किया था।
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रावण राक्षस था लेकिन उसे परम ज्ञानी माना जाता है। आइये जानते हैं कि रावण कितना पढ़ा लिखा था।
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रावण के ज्ञान के आगे देवता भी नतमस्तक हो जाते थे। उसने कई ऐसे उदाहरण पेश किए जिससे पता चलता है कि वो सच में एक बहुत बड़ा ज्ञानी पुरूष था।
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रावण को वेद और संस्कृत का ज्ञान था। वो साम वेद में निपुण था। रावण परम शिव भक्त, कूटनीतिज्ञ, वेदों शास्त्रों का ज्ञाता परम प्रतापी महाज्ञानी भी था। इसके साथ ही वह रसायन शास्त्र और ज्योतिष का प्रकांड विद्वान था।
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उसने शिवतांडव, युद्धीशा तंत्र और प्रकुठा कामधेनु जैसी कृतियों की रचना की
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पद पथ में भी उसे महारत हासिल थी। पद पथ एक तरीका है वेदों को पढ़ने का।
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रावण को आयुर्वेद का ज्ञान था। अर्क प्रकाश नाम की एक किताब भी रावण ने लिखी थी, जिसमें आयुर्वेद से जुड़ी कई जानकारियां हैं।
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रावण को ऐसे चावल भी बनाने आते थे जिसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन होता था।
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