Jun 24, 2024
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यदि आप लक्ष्य को प्राप्त कर अपने सपने को साकार करना चाहते हैं तो आपको कड़ी मेहनत व संघर्ष करना होगा।
यहां हम विद्यार्थियों के हौसला बढ़ाने व मोटिवेट करने के लिए संस्कृत के 5 श्लोक लेकर आए हैं।
संस्कृत के ये श्लोक आपको आगे बढ़ने का मार्ग दिखाते हैं।
काक चेष्टा, वको ध्यानं। श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृहत्यागी, विद्यार्थी पंचम लक्षणम्।।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:।
न चोरहार्य न राजहार्य न भ्रतृभाज्यं न च भारकारि। व्यये कृते वर्धति एव नित्यं विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्।।
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत। क्षुरासन्नधारा निशिता दुरत्यद्दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति॥
क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत् । क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम् ॥
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