Oct 7, 2024
यदि आप करोड़ों की भीड़ में सूरज के तेज सा चमकना चाहते हैं तो संस्कृत के इन श्लोक को गांठ बांध लें।
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कहा जाता है कि वेद पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में लिखे संस्कृत के श्लोक का उच्चारण करना जीवन में सकारात्मकता लेकर आता है।
यही कारण है कि विद्यार्थियों को भी ऐसे श्लोक के उच्चारण करने की सलाह दी जाती है।
ऐसे में यहां हम स्टूडेंट्स के लिए संस्कृत के 5 श्लोक लेकर आए हैं। इन्हें अपने जीवन में अपनाकर आप सफलता के मार्ग पर चल सकते हैं।
विद्वानेवोपदेष्टव्यो नाविद्वांस्तु कदाचन । वानरानुपदिश्याथ स्थानभ्रष्टा ययुः खगाः ॥
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैवकुटम्बकम्॥
काक: चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंचलक्षणम् ॥
सुलभा: पुरुषा: राजन् सततं प्रियवादिन: । अप्रियस्य तु पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभ:।।
विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम् । पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥
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