भीड़ से निकलकर सूरज सा चमकना है तो गांठ बांध लें संस्कृत के ये 7 श्लोक, हो जाएंगे सफल

Aditya Singh

Nov 7, 2024

लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए

व्यक्ति को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत व संघर्ष करना होता है। साथ ही इसके लिए मोटिवेशन की भी जरूरत होती है।

Credit: Istock

गांठ बांध लें संस्कृत के ये श्लोक

ऐसे में यदि आपको भी भीड़ से निकलकर सूरज सा चमकना चाहते हैं तो संस्कृत के इन श्लोक को गांठ बांध लें। यकीन मानिए सफलत खुद चलकर आपके पास दौड़ी आएगी।

Credit: Istock

अयं निजः परो वेति

अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैवकुटम्बकम्॥

Credit: Istock

आलसस्य कुतो विद्या...

आलसस्य कुतो विद्या , अविद्यस्य कुतो धनम् । अधनस्य कुतो मित्रम् , अमित्रस्य कुतः सुखम् ।।

Credit: Istock

चन्दनं शीतलं लोके...

चन्दनं शीतलं लोके ,चन्दनादपि चन्द्रमाः । चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः ।।

Credit: Istock

काक: चेष्टा, बको ध्यानं...

काक: चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंचलक्षणम् ॥

Credit: Istock

बलवानप्यशक्तोऽसौ...

बलवानप्यशक्तोऽसौ धनवानपि निर्धनः । श्रुतवानपि मूर्खोऽसौ यो धर्मविमुखो जनः ।।

Credit: Istock

विद्वानेवोपदेष्टव्यो नाविद्वांस्तु

विद्वानेवोपदेष्टव्यो नाविद्वांस्तु कदाचन । वानरानुपदिश्याथ स्थानभ्रष्टा ययुः खगाः ॥

Credit: Istock

उद्यमेन हि सिध्यन्ति....

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः । न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥

Credit: Istock

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: IAS- IPS जैसा बनना है तो मान लें जया किशोरी की ये बातें, छात्रों के लिए वरदान

ऐसी और स्टोरीज देखें