Jan 13, 2025
यदि आपको भी करोड़ों की भीड़ में चमकना है तो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत व संघर्ष करना होगा।
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हालांकि यहां कड़ी मेहनत के साथ मोटिवेशन भी जरूरी होता है।
ऐसे में यहां हम आपके लिए संस्कृत के 5 श्लोक लेकर आए हैं।
इन श्लोक को गांठ बांधकर आप सफलती की सीढ़ियों पर चढ़ सकते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः । न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥
विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम् । पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैवकुटम्बकम्॥
काक: चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंचलक्षणम् ॥
आलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो धनम् । अधनस्य कुतो मित्रम् अमित्रस्य कुतो सुखम् ॥
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