भारत की सबसे छोटी नदी, जानें क्यों की गई थी पुनर्जीवित
नीलाक्ष सिंह
भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवा सबसे बड़ा देश है, जबकि यहां कि नदियां पवित्रता व लंबाई के मामले में विश्व प्रसिद्ध हैं, लेकिन क्या आप देश की सबसे छोटी नदी के बारे में जानते हैं।
भारत में कई ऐसी विशाल नदियां हैं, जिनका उद्गम से लेकर अंत तक जानें में कई दिनों का समय लग जाएगा। लेकिन भारत की सबसे छोटी को मात्र कुछ पलों में ही पार किया जा सकता है।
भारत में नदियों का विशेष स्थान है, इन्हें पूजा जाता है, देवी का दर्जा दिया जाता है। यही वजह है कि भारत में करोड़ों लोगों की आस्था नदियों से जुड़ी होती है। आइये जानें सबसे छोटी नदी
Credit: canva
भारत की सबसे छोटी नदी
भारत में प्रमुख तौर पर 200 के आसपास नदियां हैं, भारत की सबसे छोटी नदी अरवरी है। यह अरावली पर्वतमाला से निकलती है, इसलिए इसका नाम अरवरी है।
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देश की सबसे छोटी नदी राजस्थान में
यह नदी राजस्थान के अलवर जिले से बहने वाली नदी है, जो कि अलवर जिले के थानागाजी के पास सकरा बांध से निकलती है।
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अलवर जिले से होती है शुरू
अरवरी नदी अलवर जिले से शुरू होती है और फिर सारसा नदी के साथ मिल जाती है, जिसके बाद यह सानवान नदी बन जाती है। कुछ दूरी आगे बढ़ने पर यह नदी बाणगंगा से मिलती है।
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भारत की सबसे छोटी नदी का सफर
इसके बाद यह उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में यमुना नदी में मिल जाती है। यहां से यमुना नदी के साथ बहकर यह प्रयागराज में गंगा नदी के साथ मिल जाती है। गंगा नदी अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
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भारत की सबसे छोटी नदी की लंबाई
Arvari River की कुल लंबाई 45 किलोमीटर यानी 28 मील है। जबकि इसका कुल बेसिन क्षेत्र 492 वर्ग किलोमीटर यानी 190 वर्ग मील है।
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पुनर्जीवित की गई भारत की सबसे छोटी नदी
साल 1985 में यह नदी पूरी तरह से सूख गई थी, लेकिन साल 1987 में स्थानीय स्तर पर लोगों ने 300 से अधिक बांध बनाए और इस नदी को पुनर्जीवित किया गया।
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