Apr 05, 2025
क्या आप जानते हैं भारत में एक नहीं बल्कि दो ऐसे गांव है, जहां लोग हिंदी, अंग्रेजी या कोई लोकल भाषा का प्रयोग नहीं करता है।
Credit: canva and meta ai
इन गांव के सभी लोगों को संस्कृत भाषा का ज्ञान है और लगभग सभी संस्कृत भाषा में बोलना पसंद करते हैं।
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देश में दो ऐसे गांव हैं, और से दोनों गांव अलग अलग राज्यों में हैं।
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कर्नाटक के शिवमोग्गा के पास मत्तूर गांव और मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में झिरी गांव के सभी लोग संस्कृत बोलते हैं।
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इन दोनों गांव के लोगों के लिए संस्कृत मुख्य भाषा है, जैसे उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों के लिए हिंदी है।
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यहां का हर दुकानदार, किसान, महिलाएं यहां तक कि स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे बच्चे भी फर्राटेदार संस्कृत में बात करते हैं।
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यहां स्कूलों में भी प्राइमरी लैंग्वेज के तौर पर संस्कृत पढ़ाई जाती है।
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राजगढ़ जिले के झीरी गांव के लगभग पचास प्रतिशत घरों के प्रवेश द्वारों पर ‘संस्कृत गृहम’ लिखा हुआ है, बता दें, जिन घरों के सभी सदस्य संस्कृत में ही बात करते हैं सिर्फ उनके ही घरों को यह पदवी दी गई है।
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अगर मत्तूर की बात करें तो यहां अस्सी फीसदी आबादी ब्राह्मणों की है, जिन्हें संस्कृत विरासत में मिली है, लेकिन राजगढ़ जिले के झीरी गांव के लोगों में ब्राह्मणों की संख्या बहुत कम है, तब भी वे संस्कृत पढ़ते लिखते हैं।
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