Oct 3, 2023
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने के अनुसार, 10 अक्टूबर की दोपहर दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप आया।
Credit: canva
इस दौरान दो झटके महसूस किए गए - पहला 4.6 की तीव्रता के साथ और दूसरा 6.2 की तीव्रता के साथ। यह दोनों झटके लगभग आधे घंटे के अंतराल में आए। भूकंप की उत्पत्ति नेपाल में हुई थी।
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धरती में सात तरह की प्लेट्स होती है, जैसे कि इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल, क्रस्ट इत्यादि। यह लगातार घूमती रहती है, लेकिन जब यह प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो इनकी गति में बदलाव होता है।
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इन प्लेट्स की गति में बदलाव की वजह से नीचे की एनर्जी बाहर निकलने का रास्ता ढूंढती है, जिसकी वजह से धरती का एक बड़ा हिस्सा हिल जाता है, इसे हम भूकंप के रूप में जानते हैं।
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भूकंप का केंद्र धरती के उस स्थान को कहते हैं, जिस स्थान के ठीक नीचे प्लेटों में हलचल हुई होती है, इस तेज हलचल की वतह सेभूगर्भ से एनर्जी बाहर निकलती है। सबसे ज्यादा कंपन्न इसी जगह पर होता है।
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भूकंप की खबरें आते ही एक शब्द का अधिक प्रयोग किया जाता है, जिसका नाम है एपिसेंटर। बता दें भूकंप के केंद्र को ही एपिसेंटर कहते हैं।
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भूकंप का केंद्र जहां होगा, वहां की तीव्रता ज्यादा होगी और जैसे जैसे भूकंप की आवृत्ति दूर जाएगी, उसका असर कम होता जाएगा, यानी कंपन्न या झटका कम लगेगा।
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भूकंप को मापने के लिए रिएक्टर स्केल होता है, जिसे रिएक्टर मैग्नीट्यूट टेस्ट स्केल भी कहते हैं।
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यह एक मशीन है जो धरती के अंदर से कितनी तेजी से ऊर्जा निकल रही है, इसका पता लगाती है। फिर से 1 से 9 तक में अंक दिया जाता है।
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