May 16, 2024
EVM Full Form - Electronic Voting Machines होता है, जिसे हिंदी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन लिखते हैं। यह वोटो की गिनती का रिकॉर्ड अपने पास रखती है।
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यह माइक्रोकंट्रोलर-आधारित (microcontroller-based instrument) उपकरण होता है, जिसे चुनाव प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
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संसद, विधानमंडल और स्थानीय निकायों जैसे पंचायत और नगर पालिकाओं के चुनाव कराने के उद्देश्य से इस पोर्टेबल उपकरण का उपयोग किया जाता है।
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इसमें मतदान डेटा की जानकारी गोपनीय रहती है, यह तेज व सटीक गिनती की सुविधा देता है। ईवीएम में दर्ज वोटिंग डेटा को सालों तक रखा जा सकता है।
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ceoharyana.gov.in के अनुसार, EVM का पहली बार इस्तेमाल साल 1982 में केरल के 70-पारूर विधानसभा क्षेत्र में किया गया था।
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1989 में, चुनाव आयोग ने दो केंद्रीय सरकारी उपक्रमों - ECIL और BEL के साथ गठबंधन में भारत की स्वदेशी EVM विकसित कीं। EVM के औद्योगिक डिजाइनर Industrial Design Centre, IIT Bombay के संकाय सदस्य थे।
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सरकारी साइट ceomadhyapradesh.nic.in के अनुसार, EVM के प्रयोग से निर्वाचन प्रणाली में क्रांति आ गई। EVM में अवैध वोटों की कोई गुंजाइश नहीं होती है।
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आपने चुनावी माहौल में EVM के साथ VVPAT भी सुना होगा, इसका पूरा नाम Voter Verifiable Paper Audit Trail है।
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यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है, जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनका वोट उनके इच्छित उद्देश्य के अनुसार डाला गया है।
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EVM की शुरुआत से पहले, भारत कागजी मतपत्रों और मैन्युअल गिनती का उपयोग करता था। 2014 से भारत के सभी आम चुनावों में EVM का उपयोग किया जा रहा है।
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