Dec 19, 2022
GI का पूरा नाम Geographical Indication है, यह एक तरह का टैग है, जो किसी वस्तु को भौगोलिक पहचान देने में मदद करता है। इसका प्रयोग उन चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर किया जाता है जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति है।
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आपने सुना होगा कश्मीर के सेब या नागपुर के संतरे बहुत प्रसिद्ध हैं, इसका कारण हैं, वहां इसकी उत्पत्ति बहुत ज्यादा है और गुणवत्ता अच्छी है। ऐसे में केंद्र सरकार जीआई टैग देकर इन्हें कानूनी रूप से विशेष पहचान देती है।
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केंद्र सरकार ने हाल ही में देश भर के 9 उत्पादों को GI TAG दिया है, बता दें, इस टैग के माध्यम से पता चलता है कि वस्तु का संबंध किस शहर से है और वह क्यों प्रसिद्ध है।
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महाराष्ट्र अलीबाग के सफेद प्याज, आसाम का गमोसा, लद्दाख की खूबानी, तेलंगाना की रेडग्राम सहित कुल 9 प्रोडक्ट्स को GI TAG दिया गया है। दिए गए 9 जीआई टैग में से पांच केरल के उत्पादों के लिए थे।
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हाल ही में 9 और प्रोडक्ट को GI TAG दिया गया, जिसके बाद भारत में पंजीकृत जीआई उत्पादों की कुल संख्या 432 हो गई है। इनमें से 401 भारतीय मूल की हैं, जबकि 31 प्रोडकट्स बाहरी देश की हैं।
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एक रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा GI TAG कर्नाटक और तमिलनाडु के पास है, जबकि इसके बाद केरल, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का नाम आता है।
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दार्जीलिंग की चाय, बासमाती चावल, चंदेरी की फैबरिक, मैसूल का सिल्क, कुल्लू शॉल, लखनऊ का जरदोरी व यहां का चिकन क्राफ्ट, कश्मीर का सैफरॉन, मणिपुर का काला चावल, ओडिशा का रसगुल्ला, आगरा का पेठा, मथुरा के पेड़े आदि।
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यह टैग GI रजिस्ट्री द्वारा उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत जारी किया जाता है।
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Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act,1999 के अनुसार जारी किए जाते हैं।
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