Nov 13, 2024
प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों का विस्तार काफी तेजी से हुआ है। यही वजह है कि प्राइवेट सेक्टर के तर्ज पर ही सरकारी विभागों में भी बदलाव होने लगे हैं।
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प्राइवेट सेक्टर में एक शब्द जॉब हॉपिंग काफी ज्यादा प्रचलित है। कहा जाता है जॉब हॉपिंग की वजह से अच्छी सैलरी वाली नौकरी नहीं मिल पाती है।
किसी एक कर्मचारी का अपने करियर के दौरान लगातार छोटी-छोटी अवधि में नौकरी बदलने को जॉब हॉपिंग कहा जाता है।
जॉब हॉपिंग के फायदे और कई नुकसान भी हैं। आगे की स्लाइड्स में फायदे और नुकसान को समझ सकते हैं।
जॉब हॉपिंग करके आप कम समय में कंपनियां बदलकर अपनी सैलरी ज्यादा बड़ी कर सकते हैं।
जॉब हॉपिंग के चलते आपको कई अलग-अलग कंपनियों में काम करने का मौका मिलता है।
प्राइवेट सेक्टर में जॉब हॉपिंग के कई नुकसान भी हैं, जैसे कम समय में ज्यादा सैलरी बढ़ जाने पर नई कंपनियां हायर करने से बचती हैं।
कार्य अनुभव कम और सैलरी ज्यादा होने पर जॉब स्विच करते समय सैलरी डिमांड रिजेक्ट हो जाती है।
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