Apr 08, 2024
एक विद्यार्थी होने के नाते क्या आपको पता है कि सूर्य ग्रहण क्या होता है? क्यों होता है व इसमें क्या होता है? यदि नहीं तो यहां इन सवालों के जवाब देखिए
Credit: Neelaksh Singh
सूर्य ग्रहण क्या होता है? कम शब्दों में कहें तो जब चांद पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर निकलता है, तो उस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं। ऐसे में पृथ्वी से देखने पर सूर्य या तो पूरी तरह से या उसका कुछ हिस्सा दिखाई नहीं देगा।
Credit: Neelaksh Singh
पृथ्वी 24 घंटे सूर्य की परिक्रमा करती है, और ठीक इसी तरह पृथ्वी की परिक्रमा चांद करता है, यही कारण है कि एक समय के बाद ग्रहण लग जाता है।
Credit: Neelaksh Singh
जैसे ही ग्रहण खत्म होता है, सूतक काल भी खत्म हो जाता है। बता दें, ग्रहण को देश व दुनिया के कई हिस्सों से देखा जा सकता है।
Credit: Neelaksh Singh
आंशिक का अर्थ होता है कुछ या थोड़ा। इसी तरह आंशिक सूर्य ग्रहण का अर्थ है कि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच पूरी तरह से नहीं आता है, यानी कुछ हिस्सा सूर्य का देखा जा सकता है।
Credit: Neelaksh Singh
आंशिक सूर्य ग्रहण के विपरीत पूर्ण सूर्य ग्रहण भी होता है इसमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच पूरी तरह से आ जाता है, जिससे सूर्य की रोशनी छिप जाती है, ऐसा कम होता है, लेकिन इस स्थिति को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।
Credit: Neelaksh Singh
वलयाकार ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है। चंद्रमा दूर होने के कारण वह छोटा दिखाई देता है। यह छोटा दिखाई देने की वजह से सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक सकता, और चांद के पीछे सूर्य का किनारा चारों तरफ से दिखता है।
Credit: Neelaksh Singh
tifr.res.in के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सबसे पहला विवरण ऋग्वेद में पाया गया था, जो भारत का सबसे पुराना दस्तावेज 1700 और 1400 ईसा पूर्व के बीच का है।
Credit: Neelaksh Singh
बता दें, आज सूर्य ग्रहण है, यह साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा, हालांकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण है, जो कि शाम 4:28 से शुरू होगा और 5:30 पर खत्म होगा।
Credit: Neelaksh Singh
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स