Dec 14, 2024
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यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा क्रैक करने वाले कैंडिडेट्स को DAF च्वॉइस और रैंक के आधार पर IPS का पोस्ट मिलता है।
IPS के पद पर सेलेक्ट होने के बाद ट्रेनिंग के लिए जाना होता है। इसके बाद किसी जिले में बतौर ASP यानी सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनाती मिलती है।
IPS के हाथ में सबसे ज्यादा पावर तब आता है जब उसे किसी जिले का पुलिस अधीक्षक यानी SP का पद मिलता है।
एसपी के पद पर तैनात होने के बाद IPS के पास सस्पेंशन का पावर आ जाता है। गलती पाए जाने पर किसी को सस्पेंड कर सकता है।
एक आईपीएस अधिकारी कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, ASI, SI और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर सकता है। इस दौरान वो डिपार्टमेंट भी बदल सकते हैं।
IPS द्वारा सस्पेंड करने पर अधिकारी जांच के लिए आईजी या डीआईजी के पास अपील कर सकता है।
सस्पेंड होने की स्थिती में अधिकारी को पूरी सैलरी नहीं मिलती है। इस दौरान उनके पास अपना पक्ष रखने का समय दिया जाता है।
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