Jan 1, 2025
दुर्घटना तो कभी भी, कहीं भी, किसी के साथ हो सकती है, तो ऐसे में हवाई यात्रा में पैराशूट क्यों नहीं दिया जाता है।
Credit: canva
हाल ही में विमान दुर्घटना की खबरें काफी चर्चा में रहीं, इसके बाद ये सवाल आपके भी मन में कभी न कभी आया होगा।
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अगर हवाई जहाज आसमान में है और क्रैश होने की नौबत आ गई है, तो सबके पास बचने के लिए पैराशूट क्यों नहीं होता है। चलिए जानते हैं
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जब प्लेन क्रैश होगा तो इतना टाइम ही नहीं होगा कि सैकड़ो पैसेंजर एक एक करके दरवाजे से कूद पाएं।
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पैराशूट ऑपरेट करने लिए उसकी ट्रेनिंग लेनी पड़ती है, जिसके बाद आप पैराशूट के फंक्शंस समझ पाएंगे, और हर फ्लाइट से पहले सैकड़ों पैसेंजर को इस तरह की हार्ड ट्रेनिंग देना मुमकिन नहीं है।
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आप वीडियो में जिन्हें पैराशूट से कूदते हुए देखते हैं, वो 15000 हजार फीट के आसपास से कूदते हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है।
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लेकिन पैसेंजर प्लेन 35000 फीट के आसपास उड़ता है, यदि यहां से कूदे तो ऑक्सीजन की कमी से आप बेहोश हो सकते हैं।
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हवाई जहाज में वजन को बहुत ध्यान रखा जाता है तभी तो एक निश्चित वजन से ज्यादा माल होने पर पैसेंजर से एक्स्ट्रा शुल्क लिया जाता है।
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अब यदि सैकड़ों पैसेंजर हैं तो सैकड़ों पैराशूट होंगे, यानी हजारों किलो में वजन बढ़ जाएगा, जो ये एअरलाइंस वहन नहीं कर सकती हैं।
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