Jan 25, 2025
Maharana Pratap (महाराणा प्रताप सिंह) का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के मेवाड़ में हुआ था।
Credit: Twitter
शायद ही कोई होगा, जिसने उनकी वीरता और शौर्य की गाथा नहीं सुनी होगी।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
मुगल सम्राट अकबर से अगर किसी ने लोहा लिया तो वो थे महाराणा प्रताप सिंह।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
महाराणा प्रताप सिंह युद्ध के दौरान अपने जान से ज्यादा प्यारे घोड़े चेतक के चेहरे पर नकली सूंढ़ लगाते थे।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
वे युद्ध कौशल के साथ दिमाग के भी धनी थी, वे चेतक को हाथी की नकली सूंढ़ इसलिए पहनाते थे, ताकि दूसरे हाथी उनके घोड़े पर वार न करें।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
गौरतलब है कि मुगलों की सेना में केवल सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि जानवरों की फौज भी बड़ी होती थी, जिसमें हाथियों की संख्या भी ज्यादा होती थी।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
यही कारण है कि घोड़ों के चेहरे पर हाथी की सूंड लगाने से दूसरे हाथी समझ नहीं पाते थे कि ये हाथी है या घोड़ा।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
बता दें, आमतौर पर हाथी अपने से छोटे हाथी पर अटैक नहीं करते हैं। हाथी का नकली सूंढ़ लगाने से घोड़े भी हाथियों के बीच जाकर खड़े हो सकते थे, जिससे घुड़सवार हाथी पर बैठे योद्धा को मार पाता था।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
महाराणा प्रताप जी के युद्ध कौशल से जुड़े जो भी किस्से हैं, उनमें चेतक का विशेष स्थान है। चेतक अपनी तेजी, बहादुरी व फुर्ती के लिए जाना जाता है।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
आपको बता दें, राजस्थान के उदयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में आज भी चेतक घोड़े का सूंढ़ वाला मुखौटा रखा है।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
चेतक की मौत कैसे हुई, महाराणा प्रताप की जान बचाने के लिए उसने कितने फीट की छलांग लगाई थी, ये जानने के लिए नीचे क्लिक करें।
Credit: Canva, TNN and Meta AI
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स