Nov 9, 2022
14 नवंबर को हर साल बाल दिवस children's day मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको इस दिन का इतिहास पता है? यदि नहीं तो जानें कैसे हुई बाल दिवस की शुरुआत
Credit: Timesnow Hindi
Bal Diwas को देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन (1889) होता है। बच्चों के साथ उनका रिश्ता और लगाव बेहद खास था। उन्हें सम्मान देने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
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पंडित जवाहरलाल नेहरू ने विशेष रूप से बच्चों के लिए स्वदेशी सिनेमा बनाने के लिए 1955 में चिल्ड्रन फिल्म सोसाइटी इंडिया की स्थापना की थी। उनके इस तरह के समर्पण के लिए ही उन्हें चाचा नेहरू कहते हैं।
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स्कूलों और संस्थानों में बच्चों के लिए यह मौज-मस्ती का दिन होता है, ज्यादातर स्कूल और शिक्षण संस्थान बच्चों के लिए कई मनोरंजन और रोमांचक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
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1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद, भारतीय संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया, नेहरू जी के कार्यों व योगदान का सम्मान करने के लिए 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में घोषित किया गया।
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कई लोग इस मामले में भ्रमित रहते हैं लेकिन बाल दिवस कोई (Gazetted) छुट्टी नहीं है। इस दिन स्कूलों में बच्चों के बीच प्रतियोगिताओं जैसे गाना, डांस, कविताएं, निबंध, खेल-कूद आदि का आयोजन किया जाता है।
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पंडित जवाहरलाल नेहरू को इस दिन श्रद्धांजलि दी जाती है, साथ ही साथ देश भर में समारोह के जरिये बच्चों के अधिकारों, उनकी सही देखभाल और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है।
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जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री थे और 1889 को कश्मीरी ब्राह्मणों के परिवार में हुआ था। वह मोतीलाल नेहरू के पुत्र थे, जो एक प्रसिद्ध वकील और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे।
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दस्तावेजों पर इसका जिक्र नहीं है, लेकिन माना जाता है कि बच्चों के प्रति उनमें खास प्रेम था, एक अन्य कारण यह है कि लोग महात्मा गांधी को बापू और नेहरू जी को 'चाचा नेहरू' कहकर संबोधित करते थे।
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