Dec 23, 2024
बता दें हिंद महासागर से उत्तरी देशों की ओर मानसून हवाएं चलती हैं, लेकिन हिमालय पर्वत की वजह से ये हवाएं इन पर्वतों से टकरा जाती है, और भारत की जमी पर वर्षा करती हैं।
Credit: canva
अगर हिमालय पर्वत नहीं होता तो ये हवाएं भारत को पार कर उत्तर दिशा के देशों में चली जाती।
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यदि हिंद महासागर की उठने वाली मानसूनी हवाएं भारत को पार कर जाती, तो उत्तर भारत किसी रेगिस्तान से कम नहीं होता।
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दिसंबर माह के आसपास उत्तर पूर्व एशिया और मध्य एशिया में सर्दी अपने चरम पर होती है, इस स्थिति में तापमान बहुत गिर जाता है।
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हिमालय पर्वत होने से उत्तर पूर्व एशिया और मध्य एशिया से भारत तक भीषण ठंडी हवाएं नहीं आ पाती हैं।
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अगर हिमालय पर्वत नहीं होता तो भारत एक्सट्रीम कोल्ड वाला देश होता।
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इसके अलावा हिमालय चीन जैसे देशों के लिए 'फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस' की तरह काम करता है।
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हिमालय पर्वत गंगा, ब्रह्मपुत्र, इंडस जैसी नदियों का सोर्स है। आप जानते हैं पानी ही जीवन है, इन नदियों से लोगों को पीने का पानी, किफायती परिवहन, बिजली और आजीविका मिलती है।
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यही नहीं हिमालय कई हजार या लाख ग्लेशियर का घर है जो भारत के मौसम को बैलेंस रखने में मदद करता है।
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