मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है, जानें क्या है वैज्ञानिक कारण
Ankita Pandey
मकर संक्रांति का त्योहार
मकर संक्रांति का त्योहार भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का काफी महत्व होता है।
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अलग अलग नाम
देश में मकर संक्रांति के त्योहार को पोंगल, खिचड़ी, संक्रांति और उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।
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मकर संक्रांति की तारीख
पंचांग के अनुसार, इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी (Makar Sankranti Date) दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
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वैज्ञानिक कारण
ऐसे तो मकर संक्रांति मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं लेकिन क्या आप इस त्योहार को मनाने का वैज्ञानिक कारण जानते हैं?
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पहला सोलर ट्रांजिट
दरअसल, मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। यह साल का पहला सोलर ट्रांजिट या सूर्य का राशि परिवर्तन होता है।
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मौसम में बदलाव
इस दिन से सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है। यह बदलाव सर्दी के मौसम के कम होने और दिन के बढ़ने का संकेत देता है।
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उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध
पृथ्वी की धुरी 23.5 अंश झुकी होने के कारण सूर्य 6 महीने तक पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध और 6 महीने दक्षिणी गोलार्द्ध के पास होता है।
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सर्दी का मौसम
मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध के निकट होता है, जिस वजह से उत्तरी गोलार्ध में रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं और इस समय सर्दी का मौसम होता है।
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ठंड में कमी
वहीं, मकर संक्रांति से सूर्य का उत्तरी गोलार्ध की ओर आना शुरू हो जाता है। इस दिन से उत्तरी गोलार्ध में रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं और ठंड कम होने लगती है।
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