जानें तिब्बत के पठार का रहस्य, क्यों नहीं उड़ते यहां से एयरप्लेन

Neelaksh Singh

Dec 25, 2024

​तिब्बत के पठार का रहस्य​

जब आप एअरप्लेन से हवाईयात्रा का आनंद लेते हैं तो सबसे ज्यादा बादल, पर्वत और मैदान देखने में अच्छा लगता है।

Credit: canva and TNN

​तिब्ब्त के पठार से नहीं निकलता प्लेन​

लेकिन तिब्ब्त के पठार के ऊपर से आप इस तरह का रोमांच नहीं देख या महसूस कर सकते हैं, क्योंकि यहां से प्लेन उड़ने की अनुमती नहीं है।

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​एअरप्लेन का होता है अपना रूट​

आपको पता होगा कि भले आसमान खुला है, लेकिन एअरप्लेन का अपना एक रूट होता है, और उसी के अनुसार ही उसे चलना होता है।

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​मौजूद हैं हिमालय की कई शृंखलाएं​

तिब्बत उन देशों में से एक है, जहां हिमालय की कई शृंखलाएं मौजूद हैं, और हिमालय पर्वत कितने ऊंचे हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है।

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​भौगोलिक और मौसमी स्थितियां हैं अलग​

इसके ऊपर से हवाई जहाज उड़ाना कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि यहां की भौगोलिक और मौसमी स्थितियां बहुत अलग हैं। ऐसे में प्लेन के स्टाफ व पैसेंजर की जान को जोखिम में डालना कोई नहीं चाहता है।

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​दुनिया का सबसे ऊंचा पठार​

एक अन्य कारण भी जानें, तिब्बती पठार को दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा पठार माना जाता है। इसकी औसत ऊंचाई 4,500 मीटर से ज्यादा है।

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​हवा का घनत्व कम होना​

अब इतनी ऊंचाई पर हवा का घनत्व कम होना स्वाभाविक है, ऐसे में हवाई जहाजों के लिए उड़ान भरना मुश्किल भरा हो सकता है।

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​ठंडा मौसम​

एक अन्य कारण क्षेत्र का तापमान है, जो कि बहुत कम रहता है, खासकर सर्दियों में न्यूनतम स्तर पर चला जाता है, और ठंडी हवा हवाई जहाज के इंजन को प्रभावित कर सकती है।

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​टर्ब्यूलेंस​

इस इलाके में हवा का दबाव घटता बढ़ता रहता है। इस वजह से खतरनाक टर्ब्यूसलेंस हो सकता है, जिसमें यात्री असहज हो सकते हैं।

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