भारत को क्यों कहते थे सोने की चिड़िया, मौजूद थी बेशुमार दौलत

Neelaksh Singh

Sep 23, 2024

भारत को क्यों कहते थे सोने की चिड़िया

भारत को सोने की चिड़िया इसलिए कहा जाता था क्योंकि भारत में काफी अधिक मात्रा में सम्पदा मौजूद थी।

Credit: Canva-and-Meta-AI

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सबसे ज्यादा थी भारत की GDP

1600 ईस्वी के आस-पास भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1305 अमेरिकी डॉलर थी, जो कि उस समय अमेरिका, जापान, चीन और ब्रिटेन से भी अधिक थी।

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जब विदेशियों में जागा लालच

कहते हैं धन वैभव अपने साथ दुश्मनों को भी लाता है, वहीं हुआ भारत के साथ। एक समय आया जब भारत को जगमगाता देख बाहरी देशों के लोगों की आंखें चमकने लगी।

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सपनों का देश था भारत

भारत में किसी भी चीज की कमी नहीं थी, यहां हिमालय पर्वत, सैकड़ों नदियां, हरे भरे जंगल, खेती के लिए उपजाऊ जमीन, हर तरह का मौसम, वो सब कुछ था जिसके लोग सपने देखते हैं।

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भारत कपास, रत्न, हीरे व भोजन से जुड़ी चीजों की उत्पादकता और इन सबके निर्यात में भी सबसे आगे था।

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इन चीजों में माहिर था भारत

भारत एक कृषि प्रधान देश था, इसके अलावा मसालों, मूर्ति कला और लोहे के मामले में पूरे विश्व में सबसे आगे था।

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दिन रात बढ़ रहा था सोना

उस समय विदेशी भारत में व्यापार करने आते थे, वे सोना देते थे और बदले में यहां की चीजें ले जाते थे, ऐसे में दिन पर दिन यहां सोने की मात्रा बढ़ती जा रही थी।

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बेशुमार मात्रा में था धन

भारत में धन की बिल्कुल भी कमी नहीं थी, इसे सोने की चिड़िया इसलिए कहते थे क्योंकि यहां सोना सबसे अधिक मात्रा में था। कहते हैं राजा विक्रमादित्य ने भारत को सबसे पहले सोने की चिड़िया कहा था।

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विदेशी आक्रमणकारियों ने लूटा भारत को

भारत की यह संपत्ति ही विदेशी आक्रमणों का कारण बन गई, लोग आए और भारत को लूटते रहे, यह सिलसिला अंग्रेजों के शासन तक चला। उन्होंने ने तो कोहिनूर तक को नहीं छोड़ा।

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