Adipurush के गुलजार लिखते डायलॉग तो कैसे होते? AI ने यूं बताया

अभिषेक गुप्ता

Jun 24, 2023

'आदिपुरुष' पर खूब मचा संग्राम!

फिल्म आदिपुरुष को लेकर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक खूब बवाल हुआ है।

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संवाद के चलते भी हुआ विवाद

वजह- इस फिल्म के कुछ संवाद भी बने, जिन्हें लिरिसिस्ट मनोज मुंतशिर ने लिखा था।

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गुलजार साहब लिखते तब क्या होता?

वैसे, आपने सोचा है कि मुंतशिर की जगह इन्हें किसी और ने लिखा होता तब क्या होगा?

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आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से हुआ सवाल तब...

"चैट जीपीटी" से जब पूछा गया कि गीतकार गुलजार डायलॉग लिखते तो वे कैसे होते?

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फिल्म का संवाद- "तेल तेरे बाप का..."

"क्या ये तेल और आग तुम्हारे पिता की विरासत है? क्या वह ज्वाला भी उनके इशारों पर अपना रूप बदलती है?"

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फिल्म का संवाद- "मेरे एक सपोले ने..."

"मेरे एक साथी ने तुम्हारे शेषनाग की सीमा को उसके अस्तित्व के परे कर दिया"

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फिल्म का संवाद- "ये तुम्हारी बुआ का बगीचा है?"

"ये क्या तुम्हारी मौसी का बागीचा है, जहां तुम स्वतंत्रता की सांस लिए जा रहे हो?"

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फिल्म का संवाद- "तेरी जली न..."

"क्या तुम्हारे ह्दय ने उस ज्वाला के स्पर्श को महसूस किया?"

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AI के जवाब में क्रिएटिविटी की कमी

वैसे, एआई ने जो जवाब दिया है वह असल में सही नहीं है। गुलजार के डायलॉग और क्रिएटिव होते।

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...तो फिर AI ने किया क्या?

समझा जा सकता है कि एआई ने गुलजार की शैली में संवादों को आसान भाषा में ट्रांसलेट किया है।

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Adipurush Controversy: Artificial intelligence tells how would be Gulzar wrote