Nov 25, 2022
पेट में गैस और एसिडीटी को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। रोजाना एसिडिटी से गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) का कारण बन सकती है।
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एसिडीटी खराब पाचन की निशानी है। इसके कारण सांस लेने में दिक्कत, सीने में जलन, गले में खराश, निगलने में कठिनाई जैसी समस्या हो सकती है।
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खाने के बाद हमेशा सौंफ खाना शुरू कर दें। ये पाचन एंजाइमों को स्रावित करता है। सौंफ एसिडिटी को कम कर पाचन भी सुधरेगा।
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तुलसी के पत्तों को चबाने और तुलसी के पत्ते का काढ़ा पीना एसिडिटी से राहत दिलाता है।
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पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर खाने के बाद पीएं। एसिडिटी के अलावा ये ब्लड शुगर को मैनेज करने में भी कारगर होता है।
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एसिडिटी को संतुलित करने के लिए लंच और डिनर से आधे घंटे पहले पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका जरूर लें।
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केला एसिडिटी में तुरंत राहत दिलाता है। इसे एसओएस फूड भी कहा गया है।
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एसिडिटी से बचने के लिए भोजन में अधिक से अधिक खीरा, गाजर, चुकंदर आदि का सेवन करें।
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एसिडिटी के उपचार के लिए बटरमिल्क यानी छाछ से बेहतर कुछ नहीं माना गया है।
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