Jun 6, 2023
अगर आप सोचते हैं कि बहुत कम उम्र में बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन या टैबलेट देने से उनका ज्ञान बढ़ेगा या उन्हें डिजिटल दुनिया से रूबरू कराएंगे, तो आप बहुत गलत हैं।
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सेपियन लैब्स की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टफोन बच्चों को बहुत जल्दी सौंप दिए जाते हैं। इससे वयस्क होने तक उनके मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव देखा जाता है।
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यह रिपोर्ट 40 देशों के 27 हजार 969 युवाओं से बात कर तैयार की गई है। यह सर्वे जनवरी से अप्रैल 2023 के महीने में किया गया था। इन 40 देशों में भारत भी शामिल था।
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74 प्रतिशत लड़कियों को, जिन्हें 6 साल की उम्र में अपना स्मार्टफोन दिया गया था, अपनी युवावस्था में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। इन महिलाओं का MHQ भी कम पाया गया।
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जिन लड़कियों को 10 साल की उम्र में स्मार्टफोन दिया गया, उनमें 61 प्रतिशत का एमएचक्यू खराब था।15 साल की 52 फीसदी लड़कियां कुछ-कुछ ऐसी ही थीं।
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जिन लड़कियों को 18 साल की उम्र में अपना स्मार्टफोन मिला, उनमें से 46 प्रतिशत को मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं थीं और जिन बच्चों को 18 साल की उम्र में फोन दिए गए, उनमें से 36 प्रतिशत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं थीं।
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दूसरी ओर, जब बच्चों को 6 साल की उम्र में स्मार्टफोन दिए गए, तो उनमें से 42 प्रतिशत को मनोवैज्ञानिक समस्याएं थीं, जबकि 10 साल की उम्र में स्मार्टफोन दिए गए केवल 43 प्रतिशत बच्चों ने एमएचक्यू में गिरावट देखी।
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बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखें। तय करें कि बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन या टैबलेट कब देना है। अगर आपके बच्चे इस बात पर गुस्सा कर रहे हैं कि आपके दोस्त के पास स्मार्टफोन है लेकिन आपके पास नहीं है तो उनसे बात करें और समझाएं।
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अगर बच्चे की पढ़ाई के लिए मोबाइल जरूरी है तो स्क्रीन टाइम सीमित होना चाहिए। आजकल स्कूलों में ऑनलाइन असाइनमेंट दिया जाता है। ऐसे में आप प्रिंटर खरीद लें, क्योंकि प्रिंटर आपके लिए बच्चे के नुकसान से सस्ता पड़ेगा।
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