Nov 16, 2022
तनाव के लिए वैसे तो अलग अलग वजहें होती है। लेकिन शोध में पता चला है कि अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो उसकी वजह से आप अवसाद का शिकार हो सकते हैं।
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विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करके हड्डियों, दांतों और ऊतकों को शक्ति प्रदान करता है। जब हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिलता है।
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सबसे अच्छा स्रोत वसायुक्त मछली का मांस और मछली के जिगर का तेल है। अंडे की जर्दी, पनीर और बीफ लीवर में थोड़ी मात्रा पाई जाती है। कुछ मशरूम में कुछ विटामिन डी2 होता है। मशरूम में उच्च मात्रा में पराबैंगनी प्रकाश के संपर्क में आने के कारण D2 की उच्च मात्रा होती है।
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विटामिन डी की कमी से जब शरीर के अंग प्रभावित होने लगते हैं तो शख्स में चिड़चिड़ाहट होती है और यह चिड़चिड़ाहट ही समय के साथ अवसाद में बदलने लगती है।
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आमतौर पर सूरज की पहली किरण को विटामिन डी का स्रोत माना जाता है। अगर आप किसी वजह से सूरज की रोशनी हासिल नहीं कर पाते तो दवाओं के जरिए भी विटामिन डी की कमी पूरी कर सकते हैं।
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विटामिन डी की कमी का असर गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ता है। विटामिन डी की कमी की वजह से गर्भ में पल रहा बच्चा भी प्रभावित होता है।
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स्वस्थ शरीर ही खुशी का आधार है। अगर आप विटामिन डी को नियंत्रित रखेंगे, शरीर में कमी नहीं होने देंगे तो खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं। लिहाजा विटामिन डी के जितने भी स्रोत हैं उनका बेहतर इस्तेमाल करना चाहिए।
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