May 9, 2024

ये है दुनिया की सबसे पुरानी दाल, अंग अंग में भर देती है घोड़े सी ताकत

Suneet Singh

दाल का पुराना इतिहास

मानव सभ्यता में दाल खाने का इतिहास काफी पुराना और आम है। मूंग, मसूर से लेकर अरहह से उड़द तक, कई तरह की दालें खूब खाई जाती हैं।

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हर थाली का हिस्सा दाल

दाल लगभग हर भारतीय की थाली का हिस्सा है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे पुरानी दाल कौन सी है?

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कुल्थी

सही उत्तर है- कुल्थी की दाल। इसका इतिहास गंगा बेसिन सभ्यता और वैदिक सभ्यता से भी पुराना है।

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10 हजार साल पुराना इतिहास

ऐतिहासिक प्रमाणों पर नजर डालें तो लगभग 10 हजार साल पहले से कुल्थी की दाल खाई जा रही है।

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​पय्यामपल्ली​

पय्यामपल्ली तमिलनाडु के वेल्लोर जिले का एक गांव है। जानवर पालने और पौधों की खेती का सबसे पहला साक्ष्य इसी स्थान पर मिला है।

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खुदाई में मिली कुल्थी

इस जगह की खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा की गई थी। इस गांव से मिट्टी के बर्तन बनाने और कुल्थी की खेती के साक्ष्य मिले थे।

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​आयुर्वेद की नजर में सुपर फ़ूड ​

धरती पर मौजूद दूसरी किसी भी दाल से कुल्थी कई गुना ज्यादा पौष्टिक है। आयुर्वेद की दृष्टि से यह सुपर फ़ूड है।

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अंग-अंग में भरे ताकत

डायबिटीज़, बैड कोलेस्ट्रॉल, किडनी प्रॉब्लम के लिए यह राम बाण है। इस दाल में ऐसे न्यूट्रिएंट पाए जाते हैं जो शरीर के अंग-अंग में ताकत भर देता है।

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हॉर्स ग्राम

इस दाल से भूख कम लगती है और पेट भी जल्दी भर जाता है। इसी कारण पहले लोग इसे खुद भी खाते थे अपने घोड़ों को भी खिलाते थे। घोड़ों को खिलाने के कारण ही अंग्रेजी में इस दाल का नाम पड़ा Horsegram.

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