Dec 12, 2023
13 दिसंबर 2001 के दिन संसद में सुबह शीतकालीन सत्र के दौरान आतंकी हमला हुआ। ये हमला लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद आतंकी ग्रुप के आंतकवादियों ने किया था।
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आतंकी हमले में 8 सुरक्षाकर्मी और 1 माली शहीद हुए थे। जवाबी कार्रवाई में कुल पांच आतंकी मारे गए थे।
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पांच आतंकवादी एके-47 लेकर एक सफेद एंबेसडर कार से संसद परिसर में घुसे थे। शांत ससंद परिसर में अचानक गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं।
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आतंकियों की कार पर लाल बत्ती और होम मिनिस्ट्री का स्टीकर लगा हुआ था। संसद परिसर में एंट्री के बाद आतंकियों की कार बिल्डिंग के गेट नंबर 12 की तरफ बढ़ रही थी, तभी एक सुरक्षाकर्मी को शक हुआ।
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सुरक्षाकर्मी ने कार को पीछे लौटने को कहा। तब तक कार तत्कालीन उप-राष्ट्रपति कृष्ण कांत के वाहन से टकरा चुकी थी। इसके बाद AK-47 से लैस आतंकियों ने कार से उतरते ही फायरिंग शुरू कर दी।
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फायरिंग शुरू होते ही संसद का अलार्म बज उठा, मुख्य भवन के सभी गेट्स बंद कर दिए गए। संसद में मौजूद जवानों ने चारों से तरफ से आतंकियों को घेर लिया। करीब आधे घंटे तक फायरिंग हुई और सभी आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
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इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, CRPF की एक महिला कांस्टेबल, संसद वॉच एंड वार्ड सेक्शन के दो सुरक्षा सहायक, एक माली और एक फोटो पत्रकार शहीद हुए।
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हमले के वक्त संसद में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद और मंत्री संसद में मौजूद थे। सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही इन्हें अन्य कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया था।
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हमले के वक्त संसद में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद और मंत्री संसद में मौजूद थे। सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही इन्हें अन्य कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया था।
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