Jan 11, 2025
भारतीय इतिहास में जब भी गद्दारी की बात होती है तो जेहन में ऐसे कुछ राजाओं के नाम आते हैं जिन्होंने भारत को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया।
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जब मोहम्मद गौरी ने दिल्ली पर हमला किया तो उस समय पृथ्वीराज चौहान के प्रतिद्वंदी जयचंद ने मोहम्मद गौरी का साथ दिया था।
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एक बार तो चौहान ने मोहम्मद गौरी को हरा दिया था, लेकिन दूसरी बार वह मोहम्मद गौरी से हार गए। हालांकि युद्ध जीतने के बाद मोहम्मद गौरी ने जयचंद को भी मार डाला था।
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जब महाराणा प्रताप दर-दर भटक रहे थे और देश का आजाद करवाने के लिए घास की रोटियां खाकर तक गुजारा कर रहे थे तब मानसिंह मुगलों का साथ दे रहे थे।
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जब महाराणा प्रताप और मुगलों की सेना के बीच युद्ध हुआ, तब मानसिंह ने मुगलों का साथ दिया और उनका सेनापति भी बना था।
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मीर जाफर का गद्दारी का दूसरा नाम माना जाता है, उसने ऐसी गद्दारी की थी कि उसकी हवेली का नाम ही 'नमक हराम की हवेली' पड़ गया था।
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मीर जाफर सिराजुद्दौला का सेनापति था और नवाब बनने के लालच में अंग्रेजों से मिल गया था और उसने ईस्ट इंडिया कंपनी को को भारत में पैर पसारने का मौका मिल गया।
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पटियाला के महाराजा के राजा नरेंद्र सिंह ने 1857 की क्रांति में सिखों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया, लेकिन उन्हें कुचलने में नरेंद्र सिंह ने अंग्रेजों का साथ दिया था।
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राजा आभ्भीराज पौरव प्रदेश के राजा पर्वतेश्वर के प्रतिद्वन्द्वी राजा थे, जिनका राज्य झेलम के पूर्व में था। उसे पोरस से ईर्ष्या थी और पोरस से गद्दारी कर अलेक्जेंडर का साथ दिया था।
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