ललित राय
Dec 7, 2022
अगर चुनावी नतीजों को देखें तो बीजेपी के खाते में रुझान और जीत समेत 106 सीट आती नजर आ रही है। 15 साल बाद बीजेपी निगम की सत्ता से बाहर है। लेकिन बीजेपी अपनी जीत के तौर पर देख रही है।
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निगम चुनाव के नतीजों से साफ है कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरीके के वादे किए थे उस पर जनता ने मुहर लगाई है। कूड़े का नारा जो आप का हिट नारा था चलता हुआ नजर आ रहा है।
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आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बीजेपी सत्ता से बाहर है। लेकिन क्या इसे बीजेपी को खतरे के तौर पर लेना चाहिए। दरअसल सिख बहुल वार्ड में बीजेपी को आप के हाथों हार मिली है, लिहाजा बीजेपी को सतर्क होने की जरूरत है।
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आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी को और पांच साल इंतजार करना होगा। कांग्रेस के सामने दहाई के आंकड़े तक पहुंचने की मुश्किल आन खड़ी है।
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2022 से पहले दिल्ली नगर निगम तीन हिस्सों में बंटा हुआ था। लेकिन अब एकीकृत नगर निगम के लिए चुनाव कराए गए। इस दफा सीटों की संख्या में भी कमी की गई थी।
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चुनाव नतीजों में जिस तरह से आप के कद्दावर चेहरों के इलाके में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है वो पार्टी के लिए चिंता का विषय हो सकता है। सत्येंद्र जैन और अमानतुल्लाह खान की विधानसभा में निराशाजनक प्रदर्शन रहा है।
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इसके साथ ही अगर दंगा प्रभावित इलाकों को देखें तो आप उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। खासतौर से उत्तर पूर्वी दिल्ली में आप का प्रदर्शन खराब रहा है।
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आम आदमी पार्टी को करीब 42 फीसद मत मिले हैं। वहीं बीजेपी को 39 फीसद और कांग्रेस को 10 फीसद वोट मिले हैं।
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