Aug 31, 2023
पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर जाएगा भारत का अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1।
Credit: BCCL
जिस स्थान से वह सूर्य की गतिविधियों एवं सौर पवन पर नजर रखेगा उसे लैग्रैंज प्वाइंट कहा जाता है।
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लैग्रैंज प्वाइंट वह स्थान है जहां सूर्य और पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति समान होती है।
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आदित्य एल-1 अपने साथ सात पेलोड ले जाएगा। इस मिशन पर करीब 400 करोड़ रु. की लागत आई है।
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सूर्य पर अब तक 22 मिशन भेजे जा चुके हैं। सबसे ज्याद मिशन नासा की ओर से भेजे गए हैं।
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आदित्य एल-1 सूर्य के फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और सबसे बाहरी परत कोरोना का अध्ययन करेगा।
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सूर्य मिशन को रवाना करने के लिए इसरो ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य एल-1 को पीएसएलवी सी 57 रॉकेट से छोड़ा जाएगा।
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भारत का चंद्रयान-3 गत 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर सफलता पूर्वक उतरा।
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