​फि​र दुनिया करेगी ISRO को सलाम, सूरज के सबसे करीब पहुंचने ही वाला है Aditya-L1

Amit Mandal

Jan 2, 2024

इसरो रचेगा इतिहास

Aditya-L1 मिशन चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और इतिहास रचने जा रहा है।

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लैंग्रेज 1 प्वाइंट पर आखिरी छलांग

6 जनवरी को भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 (Aditya-L1) अपने गंतव्य लैंग्रेज 1 प्वाइंट तक पहुंचने के लिए आखिरी छलांग लगाएगा।

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6 जनवरी अहम दिन

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि 6 जनवरी को शाम 4 बजे हम आदित्य एल -1 को लैंग्रेज प्वाइंट पर रखने के लिए अंतिम प्रक्रिया पूरी करने जा रहे हैं।

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बिना बाधा सूर्य के सामने होगा

अपने आखिरी गंतव्य पर पहुंचने पर अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 बिना किसी बाधा और ग्रहण के सूर्य के सामने होगा।

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अब तक सभी प्रक्रियाएं सफल रहीं

आदित्य एल-1 चार पृथ्वी-संबंधी प्रक्रिया और एक ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TL1I) प्रक्रिया से गुजर चुका है और सभी सफलतापूर्वक पूरे हुए हैं।

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सभी छह पेलोड का परीक्षण

सभी छह पेलोड का परीक्षण किया जा चुका है और वे बढ़िया तरीके से काम कर रहे हैं। सभी बहुत अच्छा डेटा दे रहे हैं।

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2 सितंबर 2023 को हुआ था लॉन्च

इसरो ने PSLV-C57 के जरिए 2 सितंबर 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के दूसरे लॉन्च पैड से आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।

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कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित

उस दिन 63 मिनट और 20 सेकंड की उड़ान अवधि के बाद आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के चारों ओर 235x19500 किमी की अण्डाकार कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था।​

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सूर्य का अध्ययन करेगा आदित्य एल-1

आदित्य-एल1 पहली भारतीय अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है जो पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगी, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर स्थित है।

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