Aug 2, 2023
आजादी से पहले भारत में साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतें थीं। इन रियासतों के महाराजाओं के बारे में अजब-गजब किस्से मशहूर हैं।
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पटियाला रियासत के महाराज भूपिंदर सिंह भी इन्हीं राजाओं में से एक थे। महाराजा भूपिंदर सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह काफी रंगीन मिजाज थे।
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महाराजा भूपिंदर सिंह की रंगीन मिजाजी का जिक्र दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब 'महाराजा' में विस्तार से किया है।
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भूपिंदर सिंह की एक दो नहीं बल्कि 365 रानियां थीं। वह किस रानी के साथ रात गुजारेंगे। इसका चुनाव भी दिलचस्प तरीके से होता था।
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महल में हर रोज रानियों के नाम लिखे 365 लालटेन जलाई जाती थी। सुबह जिस रानी के नाम की लालटेन सबसे पहले बुझती थी। महाराजा उसी रानी के साथ रात बिताते थे।
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कहा जाता है कि जर्मनी के हिटलर और महाराजा भूपेंद्र सिंह के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी। हिटलर महाराजा से काफी प्रभावित था।
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कहा जाता है कि एक बार जब महाराजा बर्लिन में थे तब उनकी मुलाकात हिटलर से हुई। हिटलर ने अपनी पसंदीदा कार उन्हें गिफ्ट की। इस कार का नाम 'मॉय बैक कार' था।
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भपिंदर सिंह 18 साल के हुए तब उन्होंने राज का कार्यभार संभाला और पटियाला पर 38 सालों तक राज किया।
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