Jan 25, 2023

सेल्युलर जेल में अंग्रेज करते थे क्रूरता, कैदी मांगते थे मौत

Alok Rao

कैदियों को काला पानी की सजा

कैदियों को काला पानी की सजा

Credit: Timesnow Hindi

अंडमान भेजा जाता था

भारतीय कैदियों को अंडमान निकोबार के द्वीपों पर भेजा जाता था।

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जेल की कोई दीवार नहीं होती थी

शुरुआत में यह एक ऐसी जेल थी जिसकी कोई दीवार नहीं थी। कैदियों को निर्जन द्वीपों पर छोड़ दिया जाता था।

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क्रांतिकारियों को यहां भेजा

1857 की क्रांति के बाद बहुत सारे क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने काला पानी की सजा सुनाते हुए अंडमान भेजा।

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द्वीपों पर थे जहरीले कीड़े

द्वीपों पर मच्छर, सांप, बिच्छू और अनगिनत जहरीले कीड़े होते थे, आए दिन ये कैदी इनका शिकार बनते थे।

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भागने का कोई रास्ता नहीं था

द्वीपों पर ये कैदी आजाद तो होते थे लेकिन उनके लिए भागने का कोई रास्ता नहीं था। चारों तरफ समुद्र था।

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सावरकर यहीं रखे गए थे

अंग्रेजों ने वीर सावरकर को सेल्युलर जेल में ही रखा था और उन्हें यातनाएं दीं।

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कड़ा परिश्रम करते थे कैदी

अंग्रेज कैदियों से कड़ा परिश्रम कराते थे। खाना उतना ही मिलता था जितने से वे जिंदा रह सकें।

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फिर मौत की दुआ करते थे

अंग्रेजों की प्रताड़ना, हिंसा एवं मौसम की मार से आजिज आ चुके कैदी मौत की दुआ करते थे।

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