Jul 3, 2023

कैप्टन मनोज पांडे के शौर्य के गवाह हैं कारगिल के ऊंचे शिखर

Alok Rao

दुश्मनों के छुड़ा दिए छक्के

सर्वोच्च बलिदान : आखिरी सांस तक दुश्मन पर भारी पड़े थे कैप्टन मनोज पांडे​

Credit: BCCL

गोरखा रेजिमेंट में हुए थे कमीशन

कारगिल युद्ध में गोरखा रेजिमेंट की तरफ से लड़ते हुए कैप्टन मनोज पांडे ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

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यूपी के सीतापुर के रहने वाले थे

यूपी के सीतापुर जिले के रहने वाले मनोज पांडे कारगिल को चोटियों पर अदम्य साहस एवं पराक्रम का परिचय दिया।

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शौर्य के लिए मिला परम वीर चक्र

एसएसबी के इंटरव्यू में पांडे ने जवाब दिया था कि वह परम वीर चक्र प्राप्त करना चाहते हैं।

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बटालिक सेक्टर में दिखाई बहादुरी

कारगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ होने के बाद कैप्टन मनोज पांडे को बटालिक सेक्टर में भेजा गया।

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खालुबार को दुश्मन से खाली कराया

पांडे को बटालिक सेक्टर के खालुबार को दुश्मनों से खाली कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

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जौबार टॉप को कब्जे में लिया

गोरखा रेजीमेंट 1/11 के प्लाटून नंबर 5 का नेतृत्व करते हुए मनोज आगे बढ़े और जौबार टॉप को अपने कब्जे में लिया।

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19700 फीट की ऊंचाई पर लड़े

2-3 जुलाई को मनोज पांडे अपने जवानों के साथ 19700 फीट की ऊंचाई पर स्थित पहलवान चौकी पर चढ़ाई की।

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गोली लगने के बाद भी आगे बढ़े

दो बंकरों पर कब्जा करते समय कैप्टन मनोज के कंधे एवं पैर में गोली लगी। फिर भी वे आगे बढ़ते रहे।

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