Aug 9, 2023
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 अच्छी हालत में है और आने वाले दिनों में इसकी कक्षा निर्धारण प्रक्रिया संपन्न होगी।
Credit: isro
सोमनाथ ने बताया कि नौ अगस्त, 14 अगस्त और फिर 16 अगस्त चंद्रयान-3 के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इन तिथियों में चंद्रयान-3 की कक्षा बदली जाएगी।
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इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 जब चंद्रमा से 100 किलोमीटर की दूरी पर होगा तब उसकी स्पीड कम कर दी जाएगी।
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सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-3 को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके सेंसर एवं दो इंजन खराब हो जाने की सूरत में भी यह लैंडिंग कर सकेगा।
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यानी कि चंद्रयान-3 अपनी तकनीकी खामियों को संभाल पाने में सक्षम होगा। वह सुरक्षित 'सॉफ्ट लैंडिंग' कर पाएगा।
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इसरो प्रमुख का कहना है कि चंद्रमा से 100 किलोमीटर के दायरे में आने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के एक दिन बाद इसरो ने रविवार रात को चांद का एक वीडियो जारी किया, जिसे ‘चंद्रयान-3 ने भेजा था।
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एजेंसी ने वीडियो के साथ लिखा, ‘चंद्रयान-3 मिशन : चंद्रमा, जैसा कि चंद्रयान -3 द्वारा चांद की कक्षा में प्रवेश के दौरान देखा गया।’
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चंद्रयान-3 ने जो तस्वीरें भेजी हैं उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि चंद्रमा पर नीले हरे रंग के गड्ढों की भरमार है। चंद्रमा पर इतने गड्ढे होने की वजहें भी हैं।
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