Amit Mandal
Sep 22, 2023
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-3 मिशन के दूसरे चरण की तैयारी में जुटा है। आज का दिन लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर के लिए बेहद अहम है।
Credit: ISRO
चंद्रमा पर सूर्योदय हो चुका है और अब विक्रम और प्रज्ञान के जगने का इंतजार हो रहा है।
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14 दिन के अभियान के बाद दोनों स्लीप मोड में चले गए थे। इसरो की कोशिश है कि सूर्योदय के बाद दोनों फिर से काम करना शुरू कर दें।
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चंद्रमा पर बुधवार को ही सूर्योदय हो चुका है, लेकिन विक्रम और प्रज्ञान को जागने के लिए सूर्य के सही एंगल की जरूरत है।
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लेकिन यह तभी संभव होगा जब चंद्रमा पर तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। ऐसी स्थिति में कम्युनिकेशन सर्किट सक्रिय हो जाएगा जिसे "वेक-अप सर्किट" कहा जाता है।
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यूआर राव सैटेलाइल सेंटर के निदेशक एम शंकरन के मुताबिक, सिस्टम के काम करने के लिए अच्छा एंगल 6 डिग्री से 9 डिग्री के बीच होगा। तापमान को भी एक सीमा से ज्यादा होना होगा।
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अभी चंद्रयान -3 का लैंडर शिव शक्ति पॉइंट पर मौजूद है और बैटरी चार्ज होने पर इसके दोबारा सक्रिय होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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हालांकि इस मिशन को 14 दिन के लिए ही तैयार किया गया था। ऐसे में अगर चंद्रयान-3 दोबारा काम करने शुरू कर दे तो ये इसरो के लिए एक बोनस होगा।
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