रहस्यमयी क्यों है चांद का दक्षिणी ध्रुव?

प्रांजुल श्रीवास्तव

Aug 22, 2023

भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से बस कुछ कदम दूर है।

Credit: Freepik/Twitter

इसरो के मुताबिक, 23 अगस्त, 2023 को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा।

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Chandrayaan 3 Landing LIVE

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के लिए एक होड़ लगी हुई है। इजराइल, जापान, रूस और भारत यहां पहुंचने के लिए कोशिश कर चुके हैं।

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हाल ही में रूस का चंद्र मिशन लूना-25 भी यहां पहुंचने की असफल कोशिश कर चुका है।

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अब तक चांद पर जो भी मिशन भेजे गए हैं वो चांद के उत्तर में या फिर मध्य में लैंडिंग के लिए भेजे गए हैं।

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साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर अब तक कोई देश अपने चंद्र मिशनों को लैंड नहीं करा पाया है।

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यह चांद वह इलाका है जहां न तो सूरज की रोशनी ढंग से पहुंचती है और जमीन भी पथरीली और गड्ढों से भरी हुई है।

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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सुरज की किरणें टेढ़ी होती हैं, जिससे यहां बहुत कम रोशनी पहुंचती है। इस कारण यहां परछाईं भी बहुत लंबी होती है।

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चांद का यह हिस्सा अब तक अबूझ है। यहां सिग्नल भी काफी कमजोर रहता है और इस हिस्से की तस्वीरें भी बहुत कम ही उपलब्ध हैं।

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