Aug 7, 2023

अमेरिका भी चंद्रयान-3 के भरोसे, जानें भारत कैसे पूरा करेगा सपना

Alok Rao

चांद की कक्षा में चंद्रयान-3

भारत का चंद्रयान-3 शनिवार को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। अब वह इस उपग्रह का चक्कर लगा रहा है।

Credit: isro

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चंद्रयान-3 के साथ सबकुछ ठीक

इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के एक दिन बाद उसे इसके और नजदीक पहुंचाने की कवायद पूरी कर ली गई।

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चंद्रयान-3 की अगली कवायद 9 को

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इस तरह की अगली कवायद 9 अगस्त को करेगी। दुनिया भर की नजरें भारत के इस मिशन पर लगी हैं।

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23 अगस्त को 'सॉफ्ट लैंडिंग'

चंद्रयान -3 आगामी 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' करेगा। इसमें सफल होने पर यह कीर्तिमान रचने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

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लैंडर में नासा का एक पेलोड

चंद्रयान -3 के लैंडर में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक पेलोड लगा है। इस पेलोड का नाम लेजर रेट्रोरेफ्लेक्टर अरे (LRA) है।

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लेजर तकनीक का इस्तेमाल करेगा LRA​

लैंडर में लगा LRA लेजर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए चंद्रमा की सतह का परीक्षण करेगा। नासा को इससे बहुत उम्मीदें हैं।

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​लैंडर में कुल पांच पेलोड लगे हैं

लैंडर में कुल पांच पेलोड लगे हैं। नासा के अलावा इसमें ChasTE, ILSA, RAMBHA पेलोड लगे हैं।

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‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग होगा लैंडर​

इसरो का कहना है कि 17 अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद लैंडिंग मॉड्यूल ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा।

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चंद्रयान -3 के लिए 23 अगस्त खास दिन

चंद्रमा की सतह पर उतरने से से पहले लैंडर पर ‘डी-ऑर्बिटिंग’ कवायद को अंजाम दिया जाएगा। इसरो के मुताबिक, यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा।

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