चांद पर होने ही वाला था चमत्कार कि अमर हो गए विक्रम-प्रज्ञान

Ayush Sinha

Oct 5, 2023

23 अगस्त को चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद 14 दिनों तक सब ठीक चला था।

Credit: ISRO

इसके बाद रात हो गई और विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान सो गए, फिर नींद से नहीं जागे हैं।

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स्लीप मोड में जाने के बाद चांद पर चंद्रयान-3 को दूसरी बार एक्टिव होने का मौका नहीं मिला।

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करोड़ों भारतीय कामना कर रहे थे कि चांद पर ये चमत्कार हो। ऐसा होता तो यह इसरो का बोनस होता।

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चंद्रयान-3 के प्रमुख केंद्र सैटेलाइट सेंटर के निदेशक M शंकरन ने बताया लैंडर-रोवर नहीं उठे।

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रात में तापमान -200 डिग्री हो जाता है। इंस्ट्रूमेंट के एक्टिव होने की संभावना कम रहती है।

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उन्होंने कहा, उनके फिर से जागने की संभावना कम है, फिर भी उस विकल्प को बंद नहीं कर रहे हैं।

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शंकरन ने कहा, अपना ऑर्बिटर काम करता रहेगा। कुल मिलाकर चंद्रयान-3 मिशन सक्सेसफुल रहा है।

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विक्रम-प्रज्ञान ने भारतीयों को गौरव के पल महसूस कराए, उसे आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी।

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