Aug 11, 2023
चंद्रमा पर पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर रात और इतनी ही अवधि का दिन होता है। इसके अलावा पृथ्वी और चंद्रमा के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर है।
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भारत का चंद्रयान-3 इस समय चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है। इसरो का कहना है कि वह सही दिशा में है। 23 अगस्त को वह चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
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चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में 14 जुलाई को प्रक्षेपित हुआ और यह पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया।
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इसे चंद्रमा के करीब लाने के लिए तीन और डी-ऑर्बिटिंग कवायद होगी - ताकि लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सके।
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सोमनाथ ने कहा कि ये डी-ऑर्बिटिंग की प्रक्रिया नौ अगस्त, 14 अगस्त और 16 अगस्त को होगी। इसके बाद चंद्रयान की लैंडिंग होगी।
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चंद्रयान -3 के तीन हिस्से हैं प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान है।
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लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में उतरेगा। चांद का यह हिस्सा काफी अंधकारमय है। इस हिस्से में पानी एवं खनिज तत्वों के भंडार होने की उम्मीद है।
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चंद्रमा के इस हिस्से में किसी भी देश का अंतरिक्षयान नहीं उतरा है। अमेरिका, रूस और चीन के यान चांद के दूसरे हिस्से में उतरे हैं।
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दुनिया भर की नजरें भारत के इस चंद्रयान-3 मिशन पर हैं। इस मिशन से चांद के बारे में अहम जानकारी सामने आ सकती है।
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