Dec 13, 2023
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करीबन 5 लाख 70 हजार साल पुरानी लोनार झील के बारे में आपको पुराणों, वेदों और दंत कथाओं में देखने को मिल जाएगा
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ऐसा कहा जाता है कि अकबर इस झील का पानी सूप में डालकर पिया करता था, यहां कम्पास भी काम नहीं करता है
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इस झील को मान्यता तब मिली जब 1823 में ब्रिटिश अधिकारी जेई अलेक्जेंडर इस जगह पर आए थे
झील का ऊपरी हिस्सा करीबन 7 किमी है। झील करीबन 150 मीटर गहरी है, लोनार झील का पानी एक बार गुलाबी भी हो चुका है
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नासा ने भी इस झील को लेकर रिसर्च किया, वैज्ञानिकों ने पाया कि यह झील उल्का पिंड के गिरने की वजह से बना है
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ऐसा माना जाता है कि उल्का पिंड पृथ्वी से टकरा गया था, जो कि 10 लाख टन रहा होगा
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ये 22 किमी प्रति सेकेंड की गति से पृथ्वी से टकरा गया था, तब तापमान 1800 डिग्री थी, जिस वजह से उल्का पिंड पिघल गया होगा
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लोनार झील के पास ही उल्का पिंड के टकराने से दो झील बनी थी, लेकिन अब दोनों गायब हो चुकी हैं
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