Jul 10, 2023

दुर्दिन में बीते बहादुर शाह जफर के आखिरी दिन

Amit Mandal

1857 के विद्रोह में हुए चर्चित

1857 के भारतीय विद्रोह में उनकी भूमिका के लिए भी उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता है।

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दिल्ली से सिंहासन हटाया

बहादुर शाह को 1857 क्रांति के बाद दिल्ली के सिंहासन से हटाया गया था।

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रंगून में हुई मौत

​बहादुर शाह को रंगून में निर्वासित किया गया था और वहीं उनकी मौत हो गई।

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भीख मांगता दिखा बहादुर शाह का पोता

इतिहासकारों के मुताबिक, इनके इतने बुरे दिन आए कि बहादुर शाह का एक पोता शाहजहांनाबाद की गलियों में भीख मांगता नजर आया था।

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मिर्जा नासिर-उल मुल्क के बुरे दिन आए​

इसका नाम मिर्जा नासिर-उल मुल्क था जिसने अंग्रेजों से बचने के बाद शाहजहानाबाद में अपनी बहन के साथ एक व्यापारी के घर में नौकरी कर ली थी।

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पीर बाबा के रूप में मांगी भीख

हालात इतने मुश्किल हो गए कि नासिर उल मुल्क एक पीर बाबा के रूप में लोगों से भीख मांगते थे।

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कोलकाता-औरंगाबाद में गरीबी के दिन

अंतिम मुगल सम्राट के वंशजों में से कई लोग कोलकाता और औरंगाबाद में बेहद गरीबी में रहते हैं। इनकी एक छोटी संख्या पाकिस्तान और म्यांमार में भी रहती है।

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पाकिस्तान और म्यांमार में भी वंशज

बहादुर शाह जफर के वंशजों की एक छोटी संख्या पाकिस्तान और म्यांमार में भी रहती है।

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