Jul 27, 2023

ED के तरकश में कितने तीर? जिस पर इतना हंगामा है बरपा

रामानुज सिंह

1947 में ही शुरू हो गई थी ED जैसी संस्था के निर्माण की प्रक्रिया

भारत को जब अंग्रेजों से आजादी मिली तब 1947 में फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (विदेशी मुद्रा नियमन कानून) बना था। इसे वित्त मंत्रालय का डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स देखता था।

Credit: PTI/BCCL

​​1957 में इसका नाम पड़ा एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट​

साल 1957 में इसका नाम बदलकर डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट रखा गया। इसे ही अब ईडी कहते हैं।

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​1960 में रेवेन्यू डिपार्टमेंट शिफ्ट हुई ईडी​

साल 1960 में ED को रेवेन्यू डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया गया और तब से यह उसी में काम कर रहा है।

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​​आर्थिक अपराध और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन की जांच की जांच करती है ईडी​

ED या एंफोर्समेंट डायरेक्टरेट आर्थिक अपराध और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन की जांच के लिए बनाई गई है।

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FEMA के तहत कार्रवाई करती है ईडी

ईडी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत कार्रवाई करती है।

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​​फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले देखती है ईडी​

ED आपराधिक कैटेगरी वाले फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले भी देखने लगी है।

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​​प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत करती है कार्रवाई​

प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत ईडी कार्रवाई करती है।

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हेराफेरी के दर्ज मामले पर कार्रवाई करती है ईडी

किसी थाने में हेराफेरी का मामला दर्ज होने पर पुलिस ED को इसकी जानकारी देती है।

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थाने की FIR कॉपी के आधार पर जांच करती है ईडी

इसके बाद ईडी थाने से एफआईआर या चार्जशीट की कॉपी लेकर जांच शुरू कर सकती है।

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ईडी के जद में कई विपक्षी नेता

ईडी ने कई विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई की है। वो जेल में भी बंद हैं।

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