Aug 23, 2022
बारिश और बाढ़ के चलते उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जल स्तर का बढ़ा, जिसकी वजह से प्रयागराज के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। जल स्तर बढ़ने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैसे संगम किनारे बड़े हनुमान (लेटे हनुमान) मंदिर के गर्भ गृह तक संगम का पानी जा पहुंचा। इस बीच, बताया गया कि करीब 50 हजार स्टूडेंट्स ने इलाकों में पानी भर जाने की वजह से हॉस्टल और लॉज (दारागंज, सलोरी और छोटा बघाड़ा क्षेत्र में) खाली कर दिए।
Credit: IANS
बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ से उत्तराखंड से लेकर झारखंड में नदियां उफान पर हैं। झारखंड में तो शुक्रवार (19 अगस्त, 2022) रात से लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों और बांधों के उफान पर होने के चलते निचले इलाकों में बाढ़ के हालात बनने पर सूबे के दक्षिणी हिस्से में रहने वाले करीब 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हालांकि, भारी बारिश लाने वाला गहरे दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ा है, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में रविवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। इस बीच, आईएमडी ने कहा कि कर्नाटक में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश होगी और दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़, उडुपी, शिवमोग्गा, चिक्कमगलूर, कोडागु, हासन और कोलार के जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। तटीय जिलों के मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
Credit: IANS
मध्य प्रदेश के मध्य भाग में भोपाल और सागर के पास बना दबाव क्षेत्र राजस्थान की ओर बढ़ गया है और कमजोर हो गया है। आईएमडी के भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने ‘पीटीआई’ को बताया कि राजस्थान की सीमा से लगे नीमच, मंदसौर और रतलाम में कम तीव्रता के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों तक राज्य के शेष हिस्सों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे की अवधि में गुना जिले के जीरापुर में सबसे अधिक 294 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद रतलाम जिले में आलोट में 283 मिलीमीटर, आगर मालवा में नलखेड़ा में 253 मिलीमीटर और सीहोर में 240 मिलीमीटर बारिश हुई। यहां आईएमडी कार्यालय के अनुसार, भोपाल, विदिशा, राजगढ़, गुना, देवास, बैतूल और छिंदवाड़ा में अब तक अत्यधिक बारिश हुई।
Credit: IANS
भारतीय वायुसेना मध्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावित विदिशा जिले में राहत कार्यों के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात करेगी। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को बारिश प्रभावित जिले का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे। भोपाल सहित मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई, जिससे राज्य की राजधानी और अन्य स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई। भोपाल में मंगलवार को बारिश बंद होने पर शहर के कुछ हिस्सों में 24 घंटे से अधिक समय के बाद बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई, जहां पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के कारण पेड़ गिर गए थे और यातायात जाम हो गया था।
Credit: IANS
उत्तरी ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति 22 अगस्त, 2022 को चिंताजनक रही। सुबर्णरेखा नदी उफान पर है और इसका पानी निचले इलाकों में घुस गया। इस वजह से 100 से ज्यादा गांवों के सैकड़ों लोग फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में गहरे कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद भारी बारिश होने के कारण और झारखंड से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के चलते उत्तर ओडिशा की सभी नदियां उफान पर थीं। सुबर्णरेखा नदी में रविवार शाम से जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया।
Credit: IANS
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार (22 अगस्त, 2022) सुबह आंशिक रूप से बादल छाए रहे। मौसम विभाग ने दिन में हल्की बारिश की संभावना भी जताई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और मंगलवार को हल्की बारिश या बूंदा बांदी होने की संभावना है। दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।’’ सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम कार्यालय ने कहा कि मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 81 प्रतिशत थी। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद नई दिल्ली में यमुना किनारे वाले इलाके में जल स्तर बढ़ गया।
Credit: IANS
लगातार बारिश और नदियों में जलस्तर बढ़ने से राजस्थान के कोटा संभाग में हालात बिगड़ गए। कई जगह जलभराव के बाद लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। संभाग के चार जिलों - कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी में स्कूल बंद हैं, जबकि बारां जिले में बचाव अभियान में मदद के लिए भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया। इस बीच, राज्य के इन हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। पिछले दो दिनों से जारी भारी से अति भारी बारिश के ताजा दौर से राज्य का कोटा संभाग सबसे अधिक प्रभावित है। कोटा, झालावाड़, बारां और बूंदी जिले के कई इलाकों में लगातार भारी बारिश, बांधों से पानी छोड़े जाने और नदियों में पानी की आवक के कारण जलस्तर बढ़ गया।
Credit: IANS
हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य मंत्रिमंडल को दी। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार छह लोग अब भी लापता हैं, जबकि 12 लोग घायल हुए। मुख्यमंत्री ने मंडी जिले में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये देगी। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मॉनसूनी बारिश के बाद लैंडस्लाइड हुआ था। वहां पर मट्टी, पेड़ और मलबा हटाते हुए जेसीबी मशीन, जबकि किनारे से जगह बनाकर अपनी स्कूटी पर निकलती एक महिला।
Credit: AP
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में भारी बारिश का प्रकोप फिलहाल बना है। वहां अब तक कम से कम 225 लोगों की मौत हो चुकी है। अफसरों के अनुसार, यह क्षेत्र देश के बाकी हिस्से से कट गया है। क्वेटा के आयुक्त सोहेलुर रहमान बलोच ने मृतक संख्या की पुष्टि की। उन्होंने पूरे प्रांत में कम से कम 225 लोगों की मौत की खबरें मिलने की बात कही। क्वेटा में रविवार को फिर बारिश हुई जिसके बाद पश्तूनाबाद, हजारा टाउन, कादिरंद, अमीनाबाद, नवां किल्ली, किल्ली कांबरानी और सरियाब इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गयी।
Credit: AP
अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हुए। समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' ने राज्य मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा, "प्रांतीय राजधानी गार्डेज और पक्तिया प्रांत के कुछ जिलों में रविवार देर रात भारी बाढ़ के कारण 14 लोगों की जान चली गई और 12 अन्य घायल हो गए। 358 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और 676 अन्य आंशिक रूप से मानसून की बाढ़ से नष्ट हो गए, जिससे कम से कम 20 एकड़ भूमि बह गई। बाढ़ से 1,430 से अधिक पशु मारे गए और सैकड़ों किलोमीटर सड़कें, कई सुरक्षात्मक दीवारें, पुल और प्रांत में पानी के बांध क्षतिग्रस्त हो गए।"
Credit: IANS
flash floods in india to pakistan