Jul 10, 2023
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) की स्थापना की थी।
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21 नवंबर 1963 को केरल में थुंबा से अमेरिकी निर्मित दो-चरण वाला साउंडिंग रॉकेट (पहला रॉकेट) ‘नाइक-अपाचे’ का प्रक्षेपण किया, रॉकेट के कलपुर्जों और अंतरिक्ष उपकरणों को प्रक्षेपण स्थल पर बैलगाड़ी और साइकिल से ले जाया गया था।
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साल 1969 में इन्कोस्पार 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (ISRO) में बदल गया।
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19 अप्रैल 1975 को भारत ने अपना पहला उपग्रह 'आर्यभट्ट' रूस के प्रक्षेपण केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर अंतरिक्ष की दुनिया में अपना नाम दर्ज कराया। यह एक छोटा उपग्रह था जिसका वजन मात्र 360 किलो था। इसे बनाने में 3 साल का समय लगा था और तीन करोड़ खर्च हुए।
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इसरो ने 18 जुलाई 1980 को एसएलवी-3 का सफल परीक्षण कर भारत का नाम उन देशों में शामिल कर लिया जो अपने उपग्रहों को खुद प्रक्षेपित कर सकते थे।
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साल 1983 में इनसैट-1बी को प्रक्षेपित किया गया जिसने भारत के दूर संचार, दूरदर्शन प्रसारण और मौसम पूर्वानुमान के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया।
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1984 में भारतीय एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज के जरिए अंतरिक्ष में गए थे, वे आज तक एकमात्र भारतीय नागरिक हैं जो अंतरिक्ष गए हैं।
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22 अक्टूबर 2008 को इसरो ने 1380 किलोग्राम का चंद्रयान-1 भेजा गया जो 14 नवंबर 2008 को चंद्रमा की सतह पर पहुंचा।
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ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बना। इसरो के इस मिशन में महज 450 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
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भारत एकमात्र ऐसा देश था जिसे पहली बार में ही मंगलयान को मंगल पर भेजने में सफलता मिल गई थी।
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15 फरवरी 2017 को इसरो ने पीएसएलवी-सी 37 द्वारा एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया।
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27 मार्च 2019 को इसरो ने एंटी सैटेलाइट (A-SAT) से एक लाइव भारतीय सैटेलाइट को नष्ट करने में सफलता मिली।
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अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने वाला भारत चौथा देश बन गया।
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22 जुलाई 2019 को भारत ने दूसरे चंद्रमिशन चंद्रयान-2 को रवाना किया।
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17- इसरो 13 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 को भेजने जा रहा है।
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इसरो सूर्य का अध्ययन करने वाले पहले भारतीय मिशन आदित्य-एल 1 को प्रक्षेपित करने की योजना पर काम कर रहा है।
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साल 2030 तक भारत द्वारा अंतरिक्ष में अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की भी योजना है।
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आज भारत के इसरो का शुमार छह प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों में होता है।
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