गोरखपुर की खास पहचान रामगढ़ ताल है। पहले इसका दायरा 18 वर्ग किमी का था। लेकिन धीरे धीरे इसका दायरा सिमटता गया। हालांकि अब इसे नए रूप और रंग में सवारा गया है।
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रामगढ़ ताल का इतिहास
रामगढ़ ताल के बारे में कहा जाता है कि राप्ती का अवशेष है, 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में यहां रामग्राम के नाम से नगर था जो श्राप की वजह से उजड़ गया था।
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गोरखपुर की पहचान योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर की एक और पहचान सीएम योगी आदित्यनाथ हैं। वो ना सिर्फ गोरक्षनाथ मंदिर पीठ के महंत हैं बल्कि सूबे को भी संभाल रहे हैं। सीएम बनने से पहले सांसद के तौर पर जिम्मेदारी निभाई है।
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गीता प्रेस भी गोरखपुर की पहचान
गीता प्रेस हिंदू धार्मिक ग्रंथों का दुनिया का सबसे बड़ा प्रकाशक है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर शहर में स्थित है। इसकी स्थापना 1923 में जया दयाल गोयंका और घनश्याम दास जालान ने सनातन धर्म के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए की थी।
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गोरखपुर का डाउन टाउन
गोलघर, गोरखपुर के व्यस्ततम बाजारों में से एक है। यह ना सिरफ गोरखपुर की खास पहचान है बल्कि पूर्वांचल के दूसरे जिलों में भी इसका नाम है।
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एक नजर में तारामंडल
गोरखपुर के तारामंडल को आधुनिक संयंत्रों के साथ सुसज्जित किया गया है। तारामंडल में खगोलीय घटनाओं को समझने के लिए आते हैं और यह आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
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टेराकोटा की वैश्विक धूम
गोरखपुर को टेराकोटा की मूर्तियों के लिए भी जाना जाता है। इस व्यवसाय में लाखों की संख्या में लोग जुड़े हुए हैं जो उनके जीने का आधार है।
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खास है विंध्यवासिनी पार्क
स्वस्थ तन और मन के विकास के लिए भी गोरखपुर शहर ने बड़ी प्रगति की है। गोरखपुर में वैसे तो सैकड़ों की संख्या में पार्क हैं लेकिन विंध्यवासिनी पार्क को शहर की पहचान बताया जाता है।
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