कितना गहरा है टिहरी डैम, दुनिया क्यों हैरान?

Amit Mandal

Nov 11, 2024

एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील

टेहरी झील एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। इसकी यही खासियत दुनिया को हैरान करती है। इसका निर्माण टेहरी बांध बनाकर किया गया है।

Credit: Wikimedia

भागीरथी नदी पर बना

टिहरी बांध एक चट्टान और मिट्टी से भरा तटबंध बांध है जो भारत के उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल जिले के न्यू टिहरी में भागीरथी नदी पर बना है। इसका निर्माण 1978 में शुरू हुआ था और 2006 में पूरा हुआ था।

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गहराई 260 मीटर

टिहरी बांध 260.5 मीटर (855 फीट) ऊंचा चट्टान और मिट्टी से भरा तटबंध बांध है। यानी इसकी गहराई 260 मीटर है।

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लंबाई 575 मीटर

इसकी लंबाई 575 मीटर (1,886 फीट), शिखर चौड़ाई 20 मीटर (66 फीट) और आधार चौड़ाई 1,128 मीटर (3,701 फीट) है।

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1977-78 में निर्माण कार्य

साल 1972 में टिहरी बांध के निर्माण को मंजूरी मिली थी और 1977-78 में बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

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जुलाई 2006 में विद्युत उत्पादन शुरू

29 अक्टूबर 2005 को टिहरी बांध की आखिरी सुरंग बंद हुई और झील बननी शुरू हुई थी। जुलाई 2006 में टिहरी बांध से विद्युत उत्पादन शुरू हुआ।

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पत्थर और मिट्टी से बनी दीवार

इसके लिए टिहरी बांध की दीवार को पूरी तरह पत्थर और मिट्टी से भरकर बनाया गया। इस बांध में भागीरथी और भिलंगना नदी का पानी इकट्ठा होता है।

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भूकंप से बचने का इंतजाम

टिहरी जिला उच्च तीव्रता वाले भूकंप जोन का क्षेत्र है इसलिए नुकसान को रोकने के लिए टिहरी बांध को रॉकफिल बनाया गया है।

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पुराना टिहरी शहर जलमग्न

इस जल विद्युत परियोजना के लिए पुराने टिहरी शहर को जलमग्न होना पड़ा था। कुल 125 गांवों पर असर पड़ा था। इस दौरान 37 गांव पूरी तरह से डूब गए थे जबकि 88 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए थे।

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