Nov 28, 2023
41 जिंदगियां...17 दिन और 400 घंटे... कैसे चला 'ऑपरेशन जिंदगी'
प्रांजुल श्रीवास्तव12 नवंबर, 2023 की सुबह 5:30 बजे सिल्क्यारा से बड़कोट के बीच बन रही सुरंग धंस गई थी।
सुरंग में 60 मीटर की दूरी पर काम कर रहे मजदूर मलबे में ही फंस गए।
Operation Zindagi successfulइसके बाद मजदूरों तक ऑक्सीजन, खाना-पानी पहुंचाने के लिए एक पाइप डाला गया।
मजूदरों को बाहर निकालने के लिए साइट पर अमेरिकी ऑगर मशीन लाई गई।
हालांकि, ऑगर मशीन 48 मीटर तक खुदाई करने के बाद टूट गई और सुरंग में ही फंस गई।
इस कारण मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार बढ़ता गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के 16 दिन रैट होल माइनिंग के जरिए मैनुअल ड्रिलिंग शुरू की गई।
माइनिंग एक्सपर्ट धीरे-धीरे मजदूरों तक पहुंचे और उन्हें बाहर निकलाने के लिए पाइप डाला गया।
इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने मजदूरों को स्ट्रेचर के जरिए बाहर निकाल लिया।
इस तरह सफल हुआ सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन 'मिशन जिंदगी'
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