Nov 3, 2023

सदियों पहले आखिर कैसे विलुप्त हो गई सरस्वती नदी?

Amit Mandal

सरस्वती नदी का अस्तित्व था

संस्कृत ग्रंथों के अनुसार सदियों पहले सरस्वती नदी का अस्तित्व था और इसे सिन्धु नदी के समान ही पवित्र माना जाता था।

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ऋग्वेद में भी सरस्वती नदी का जिक्र मिलता है। महाभारत में भी सरस्वती का उल्लेख है और इसे लुप्त हो गई नदी कहा गया है।

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महाभारत में भी कई नाम

महाभारत में सरस्वती नदी का प्लक्षवती नदी, वेदस्मृति, वेदवती आदि कई नाम दिए गए हैं।

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सरस्वती भूमिगत हो गई

ऐसा लगता है कि पृथ्वी की संरचना में हुए बदलाव के चलते सरस्वती भूमिगत हो गई और यही बात इसके गायब होने की आम धारणा के काफी करीब है।

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सरस्वती नदी पर शोध

एक फ्रेंच प्रोटो-हिस्टोरियन माइकल डैनिनो ने सरस्वती नदी की उत्पत्ति और इसके लुप्त होने के संभावित कारणों पर गहन अध्ययन किया है।

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घग्घर नदी का पता लगा

अपने शोध 'द लॉस्ट रिवर' में डैनिनो कहते हैं कि उन्हें बरसाती नदी घग्घर नदी का पता चला था। उन्होंने कई स्रोतों से जानकारी हासिल की और नदी के मूल मार्ग का पता लगाया।

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सूखने लगी नदी

ऋग्वेद के अनुसार यह नदी यमुना और सतलुज के बीच रही है और यह पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती रही है। नदी का तल पूर्व हड़प्पाकालीन था और यह 4 हजार ईसा पूर्व के मध्य में सूखने लगी थी।

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कई बदलावों के चलते गायब हुई नदी

4 हजार वर्ष पहले होने वाले इन परिवर्तनों के चलते उत्तर-पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में से एक नदी गायब हो गई और यह नदी सरस्वती थी।

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विनाशना में नदी गायब हुई

जिस जगह यह नदी गायब हुई, उस स्थान को विनाशना या उपमज्जना का नाम दिया गया।

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